प्रेम का ख़याल, प्रेम से भी बड़ा होता है। प्रेम का ख़याल, प्रेम से भी बड़ा होता है।
राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये। राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये।
जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, मेरी फसलें डूब गई....... जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, म...
किसी एक देश के अनुभव में किसी एक देश के अनुभव में
कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-सड़क, बीच-सत्यनिष्ठा ... कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-...
उस प्रेम तरू के कोटर में इक पीड़ सुहानी रखी है समझ की सधी गुलेलों पे कंकड़ भर नादानी उस प्रेम तरू के कोटर में इक पीड़ सुहानी रखी है समझ की सधी गुलेलों पे कं...